आप बुद्ध भी हैं और औलिया भी


उज्जैन। आपका व्यक्तिव अत्यंत सहज और सरल है, आप संत स्वभाव वाले होकर, सबको अपने स्नेह से अभिभूत कर देते हैं। आप बुद्ध भी हैं और औलिया भी हैं, इसलिए आपका नाम बुधौलिया है। आप शतायु हों यही कामना है।
ये विचार विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति बालकृष्ण शर्मा ने  प्रो हरिमोहन बुधौलिया के जन्मोत्सव के अवसर पर अभिनंदन समारोह में व्यक्त किये। इस अवसर पर पूर्व कुलपति डॉ मोहन गुप्त, शिव चौरसिया, प्रो. शैलेन्द्र पाराशर, शशिमोहन श्रीवास्तव, महेश मिश्रा, आर.सी. शर्मा, राधेश्याम दुबे, एल पी गौतम, डॉ हरीशकुमार सिंह आदि ने शुभकामनाएं व्यक्त कीं। संचालन हरीहर शर्मा ने किया।