आयुर्वेदिक औषधीय धूमपान पद्धति द्वारा श्वास (दमा) रोग नि:शुल्क शिविर
 

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय, आगर रोड, उज्जैन में ६ से ८ जनवरी को प्रात: 9 से 12 बजे तक श्वास (दमा) रोग हेतु औषधि युक्त धूमपान पद्धति एवं आयुर्वेदिक औषधायों के द्वारा उपचार हेतु शिविर आयोजित किया जा रहा है। दमा रोग में फेफड़ों में कफ के बढ़ जाने एवं फेफड़ों से बाहर न निकल पाने से साँस लेने में कठिनाई होती है, इस रोग में आधुनिक चिकित्सा में इन्हेलर का प्रयोग किया जाता है। ठीक इसी तरह आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में प्राचीन काल से विभिन्न जड़ी-बूटियों युक्त औषधियों का धूमपान किया जाता है। औषधि युक्त धूम फेफडों में जाकर जमे हुए कफ को निकालता है तथा इसके दीर्घकालिक उपयोग से फेफड़ों को कोई नुकसान नहीं होता और कार्यकारी भी होता है। इन्हेलर कुछ समय बाद दमा रोग में प्रभावी रूप से कार्य नहीं करते जबकि आयुर्वेदिक औषधि युक्त धूमपान दमा रोग में लंबे समय तक उपयोग के बाद भी दमा रोग को प्रभावी रूप से कम करता है।

आयुर्वेद में दिनचर्या के विभिन्न कर्मों जैसे मालिश, योग, स्नान, नाक, कान में तेल डालना तथा औषधि युक्त धूमपान का उपयोग प्रतिदिन किए जाने हेतु वर्णन है, जिससे फेफड़ों में जमा हुआ कफ प्रतिदिन बाहर निकल सके, फेफड़े सक्रिय रहें एवं फेफड़ों में कोई संक्रमण भी न हो। अत: औषधीय धूमपान एवं अन्य आयुर्वेदिक औषधों से दमा रोग के प्रभावी उपचार हेतु इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है।