-संबंधित संस्थाओं अभिलेख जप्त, कार्यालय किए सील
देवास। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ व लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा के निर्देशानुसार जिले में जिला प्रशासन द्वारा कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय के मार्गदर्शन में विभिन्न प्रकार के माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों दो गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के विरूद्ध अनियमिततताओं की शिकायत पर कार्यवाही की गई।
उपायुक्त सहकारिता श्री मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि त्रिलोकनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित देवास एवं श्री राम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित देवास के सदस्यों द्वारा कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय को क्रमश: भूखण्डों की रजिस्ट्री न करने एवं वसूली राशि की अफरा-तफरी करने तथा संस्था के सदस्यों के साथ धोखाधडी करने की गंभीर शिकायत प्राप्त होने पर आज 04 जनवरी 2020 को उपायुक्त सहकारिता श्री मनोज कुमार गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिवानी तरेटिया, नायब तहसीलदार श्री प्रवीण पाटीदार, सहकारी निरीक्षक श्री मनोहर कैथवास, सहकारी निरीक्षक श्री धमेन्द्र मालवीय एवं सहकारी निरीक्षक श्री बी.एल. गोठवाल के जांच दल के द्वारा पुलिस बल के साथ दोनों संस्थाओं के कार्यालयों में दबिश दी गई।
उपायुक्त सहकारिता श्री गुप्ता ने बताया कि त्रिलोकनगर गृह निर्माण सहकारी संस्था का कार्यालय बंद पाया गया तथा कार्यालय में संस्था का बोर्ड भी लगा नहीं पाया गया। अत: इस संस्था के कार्यालय को सील किया गया। तत्पश्चात् त्रिलोक नगर संस्था के अभिलेख मकान नम्बर 09 प्रभुशील नगर देवास मे होने की सूचना प्राप्त होने पर इस भवन मे दबिश दी गई, जहां संस्था के अध्यक्ष श्री टी.पी. तिवारी मिले एवं संस्था के अभिलेख भी प्राप्त हुए जिन्हें 05 बोरो मे सील्ड कर जिला कोषालय में जमा कराया गया। श्रीराम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित देवास का कार्यालय पुरानी पत्ती बाजार मे अपना ऑटोडील प्रतिष्ठान के कैम्पस मे स्थित होने की सूचना मिलने पर जांच दल के द्वारा वहां दबिश दी गई परंतु संस्था के कर्ताधर्ता उक्त प्रतिष्ठान मे ताला लगाकर अन्यत्र चले गये थे जिसके कारण इस कार्यालय को सील्ड किया गया । कलेक्टर जिला देवास के निर्देशानुसार देवास जिले की सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं के लगातार अभिलेखों की जप्ती की कार्यवाही की जा रही है, अब तक 20 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के अभिलेख जप्त किये जा चुके है। अभिलेखों की सघन जांच करने के पश्चात् अनियमितता प्राप्त होने पर मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के प्रावधानों के तहत प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत करने, संचालक मंडलों को भंग करने, राशि वसूली का प्रकरण दर्ज करने, प्रतीक्षारत् सदस्यों को पात्रता अनुसार भूखण्डों का आवंटन एवं पंजीयन कराने एवं पुलिस मे प्राथमिकी दर्ज किये जाने की कार्यवाही की जावेगी। इसके अतिरिक्त 10 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं को परिसमापन मे लाये जाने हेतु सहकारी अधिनियम के तहत कारण बताओ सूचना पत्र भी जारी किये गये है ।