उज्जैन। नेशनल कोआर्डिनेशन कमीटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एंड इन्जीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में किये जा रहे संशोधन एवं केंद्र व राज्य स्तर पर चल रही निजीकरण की कार्यवाही के विरोध में तथा पुरानी पेंशन बहाली हेतु उज्जैन जिले के लगभग 500 बिजली कर्मचारी और सभी इंजीनियर ने एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में कार्य का बहिष्कार कर सहयोग किया।
नेशनल कोआर्डिनेशन कमीटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एंड इन्जीनियर्स ने यह भी एलान किया है कि यदि निजीकरण करने हेतु इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन करने हेतु आर्डिनेंस जारी करने की कोशिश हुई तो बिना और कोई नोटिस दिए देश भर के बिजली कर्मचारी व इंजीनियर उसी समय लाइटनिंग हड़ताल पर चले जाएंगे। एनसीसीओईईई ने कहा है कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निजी घरानों के घोटाले से बैंकों का ढाई लाख करोड़ रु पहले ही फंसा हुआ है फिर भी निजी घरानों पर कोई कठोर कार्यवाही करने के बजाय केंद्र सरकार नए बिल के जरिये बिजली आपूर्ति निजी घरानों को सौंप कर और बड़े घोटाले की तैयारी कर रही है l
म.प्र.वि.मं.अभियंता संघ के एस.एन.वर्मा, पत्रोपाधि अभियंता संघ के अभय जैन, पॉवर इंजिनियर एंड एम्प्लोयी के केतन रायपुरिया व उज्जैन क्षेत्र के मुख्य अभियंता पुनीत दुबे, उज्जैन वृत्त के प्रभारी आशीष आचार्य एवं पॉवर ट्रांसमिशन उज्जैन के अधीक्षण यंत्री पी.के.गार्गव के अतिरिक्त भी लगभग 500 कर्मचारियों सहित ओउटसोर्स व संविदा कर्मियों ने काम बंद कर कार्य बहिष्कार में सम्मिलित हुए। तहसील स्तर पर भी अलग-अलग प्रदर्शन हुआ, उसमे मुख्य रूप से बडनगर, नागदा, तराना एवं महिदपुर में भी प्रदर्शन हुए।
बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की अन्य मांगे विद्युत् परिषद् के विघटन के बाद भर्ती हुए कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली, समान कार्य के लिए समान वेतन, ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर नियमित प्रकृति के कार्यों हेतु संविदा कर्मियों को वरीयता देते हुए तेलंगाना की तरह नियमित करना, बिजली का निजीकरण पूरी तरह बंद करना और प्राकृतिक संसाधनों को निजी घरानों को सौंपना बंद करना मुख्य हैं।