महाकाल में पंडे पुजारियों ने यदि दर्शनार्थियों से रुपए वसूले तो अपराध माना जाएगा

पुजारी-पुरोहित एवं प्रतिनिधियों को निर्देशों का पालन करना अनिवार्य
 
उज्जैन । कलेक्टर एवं श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री शशांक मिश्र ने गत 3 फरवरी की रात्रि को गर्भगृह के निरीक्षण के समय श्री संदीप शर्मा प्रतिनिधि दर्शनार्थी से रुपये प्राप्त करते हुए पाये जाने पर पुजारी, पुरोहित एवं उनके प्रतिनिधियों को नियमानुसार निर्देशों का पालन करने के निर्देश पुजारी-पुरोहित समिति के अध्यक्ष को दिये हैं। इस सम्बन्ध में प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री एसएस रावत ने आदेश जारी कर दिये हैं।
 प्रशासक श्री एसएस रावत ने दर्शनार्थी से रुपये प्राप्त करना मप्र विनिर्दिष्ट मन्दिर विधेयक की धारा-39 के अनुसार अपराध की श्रेणी में आते हुए पुजारी, पुरोहित एवं उनके प्रतिनिधियों को नियमानुसार निर्देश जारी किये हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। दर्शनार्थियों की इच्छा अनुसार अभिषेक पूजन हेतु निर्धारित शुल्क समिति में जमा किये जाने के बाद सूचीबद्ध पुजारी-पुरोहित के द्वारा पूजा अभिषेक सम्पन्न कराया जाये। निर्धारित शुल्क में से समिति द्वारा निर्धारित अंश प्राप्त करने हेतु पूजनकर्ता अधिकृत है। इसके अतिरिक्त दर्शनार्थियों से किसी भी प्रकार की मांग किया जाना कदाचरण की श्रेणी में होगा। प्रशासक ने निर्देश दिये हैं कि पुजारी पुरोहित सेवक प्रतिनिधियों को निर्धारित पहचान-पत्र एवं परिधान धारण करना अनिवार्य है। मन्दिर विधेयक के अनुसार कोई चढ़ावा, दान एवं प्राप्त किये गये अन्य धन मन्दिर की सम्पत्ति है। भस्म आरती के समय दर्शनार्थियों द्वारा दी जाने वाली दानराशि मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा रखी गई दानपेटी में डाली जायेगी एवं वस्तुएं मन्दिर कोठार में जमा की जाये। दर्शनार्थियों के समक्ष कोई डलिया या पात्र नहीं रखा जाये और न ही दर्शनार्थियों से किसी भी प्रकार की याचना की जाये।