कोरोना से मौतें,,,,, प्रशासनिक सन्नाटे ने दिलाई शोले फिल्म की याद

मुख्यमंत्री की नाराजगी और कोरोनायोद्धा पत्रकारों द्वारा उज्जैन में कोरोना के इलाज के लिए चिन्हित अस्पताल आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में बरती जा रही घोर लापरवाही  और इसकी वजह से होने वाली मौतों को लेकर बवाल मचा तो जिलाधीश शशांक मिश्र ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा और लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी पिछले 10- 15 दिन से लगातार आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर इलाज न कर मरीजों को मौत के मुंह में पहुंचाने का आरोप लगते रहे लेकिन एक अजीब सा सन्नाटा था 5 दिन पहले तक आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज को भगवान समझा जा रहा था? जो की मशहूर फिल्म शोले की मौसी के उस डायलॉग को याद दिलाता रहा जिसमें मौसी कहती है की,,,,,,,, एक बात तो माननी पड़ेगी बेटा तुम्हारे दोस्त में लाख बुराइयां है ,पर फिर भी तुम्हारे मुंह से उसके लिए तारीफें ही निकलती है,,,,,,,,,, जिला प्रशासन ने भले ही आरडी
गाड़ी मेडिकल कॉलेज की तारीफ न की हो, लेकिन प्रशासनिक गलियारों में अव्यवस्थाओं के खिलाफ सन्नाटा रहा और अब जब बवाल मचा,,, बलि चढ़ी,,,,, और पत्रकारों ने पोल खोली तो नोटिस जारी हो गया ,मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तक को कड़े निर्देश देना पड़े ,लेकिन सवाल अब भी कायम है कि क्या कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज का मरना जरूरी है,?    आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर जो आरोप लगे हैं उसके मुताबिक वहां अभी तक मरीजों का किस तरह इलाज किया गया इसे समझा जा सकता है ,,,,मेडिकल कॉलेज पर आरोप है कि,,,,,, निरंतर मौखिक और लिखित निर्देशों के बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया, साफ सफाई नहीं रखी गई, भोजन खराब दिया गया ,भोजन समय पर नहीं दिया गया, डॉ अनुपस्थित रहे, कोरोनावायरस संक्रमित मरीज का उपचार नहीं किया गया, निर्देशों का पालन नहीं किया गया, चाही गई जानकारी अपूर्ण दी गई ,चाही गई जानकारी समय पर नहीं दी गई ,लिखित पत्रों के बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया,,, यह आरोप हम नहीं लगा रहे बल्कि उस नोटिस में लिखे हैं जिसे जिला प्रशासन ने आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज को थमाया है,,, यानी लाख बुराइयां फिर भी मरीज का इलाज कराने की यह कैसी जीवन लीला छीनने वाली मजबूरी,,,,,,,,,