हम बोलेंगे तो बोलोगे के बोलता है,,,,,
उज्जैन।क्या कानून का डंडा सूरत देखकर दंड देता है,,,,, यदि इस सवाल का जवाब उज्जैन में खोजा जाए तो शायद जवाब हां,,,,,,,, में आएगा क्योंकि मध्यप्रदेश का यह अनोखा शहर है जहां रसूखदार व्यक्ति को अघोषित रूप से कोरोना फैलाने का लाइसेंस दिया गया ।यह व्यक्ति डॉ वीके महाडिक है यह वही डॉक्टर है जिसने आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज का डायरेक्टर होने का और राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाया और
लॉकडाउन के बावजूद अपने भाई को इंदौर से उज्जैन लाकर न सिर्फ इलाज करवाया बल्कि कोराना की चेन को बनने में सहयोग दिया ।डॉक्टर महाडिक की वजह से ही उनके भतीजे सहित अस्पताल के स्टाफ की 2 नर्सों के साथ लगभग 5 लोगों को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है जबकि इनके संपर्क में आने वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं है । घर से आटा लेने निकले व्यक्ति को अस्थाई जेल भेजने वाले सख्त ? ? ? प्रशासन की आंखें डॉक्टर महाडिक को देखकर बंद हो जाने से स्पष्ट है कि कानून का डंडा सूरत देखकर ही दंड देता है। आज से यह कॉलम शुरू किया जा रहा है, जिसका मकसद व्यवस्थाओं में सुधार लाना है।
क्या कानून का डंडा सूरत देखकर दंड देता है,,,,,