प्राइवेट अस्पताल नहीं सुन रहे हैं प्रशासन की, आज फिर जांच में अस्पताल से गायब मिला स्टाफ

तेजनकर हॉस्पिटल की आकस्मिक जांच की गई दो डॉक्टर एवं 3  पैरामेडिकल स्टाफ अनुपस्थित पाये गये


उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा  दिये  गये  निर्देशों  के  तारतम्य  में  आज 30 अप्रैल को तेजनकर  हॉस्पिटल फ्रीगंज का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा पाया कि यहां पर लम्बे समय से  दो डॉक्टर एवं तीन पैरामेडिकल स्टाफ  डयूटी से अनुपस्थित है।
निरीक्षण टीप के आधार पर अपर कलेक्टर एवं सक्षम अधिकारी श्रीमती बिदिशा मुखर्जी ने तेजनकर अस्पताल के डॉ.सादिक खान, डॉ.महेन्द्र सिंह, नर्सिंग स्टाफ श्री अर्जुनसिंह राठौर, श्री राहुल पंवार, सुश्री पूजा पासी को नोटिस जारी कर आगामी 12 घंटे में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। साथ  ही चेतावनी  दी  गई  है  कि ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होने की स्थिति में  उक्त स्टाफ के विरुद्ध आवश्यक सेवा  संधारण  तथा  विच्छिनता  निवारण अधिनियम-1979, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005  तथा एपिडेमिक डिजिज एक्ट-1897 की  धाराओं  के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।*निजी अस्पतालों की सतत निगरानी हेतु अपर कलेक्टर श्रीमती मुखर्जी को सक्षम अधिकारी नियुक्त किया*

। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिये शासन के निर्देश अनुसार उज्जैन के निजी चिकित्सालयों में सामान्य चिकित्सा सुविधाएं सुचारू रूप से जारी रखने और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाने के सम्बन्ध में कलेक्टर ने सभी निजी अस्पताल के संचालकों को पूर्व में निर्देशित किया है। इन चिकित्सालयों की निगरानी रखने के लिये कलेक्टर ने विगत दिनों अपर कलेक्टर श्रीमती बिदिशा मुखर्जी को सक्षम अधिकारी नियुक्त किया है। इनके सहयोग हेतु कृषि विभाग के सहायक संचालक श्रीमती विनीता राय (9329740555), विकास प्राधिकरण के कार्यपालन यंत्री श्री कैलाश पाटीदार (9826579695) की ड्यूटी लगाई गई है। उक्त दल द्वारा सतत निगरानी का कार्य किया जा रहा है।
​कलेक्टर द्वारा नियुक्त किये गये अधिकारी समस्त निजी अस्पतालों का सतत निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि अस्पतालों में सामान्य उपचार सुविधाएं जारी रहें और आपातकालीन उपचार सुविधाएं आवश्यक रूप से उपलब्ध कराई जाये। किसी भी अनियमितता की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के अन्तर्गत कलेक्टर ने अपर कलेक्टर श्रीमती बिदिशा मुखर्जी को सम्बन्धित निजी अस्पताल के संचालकों पर कार्यवाही हेतु अधिकृत किया है।


*येलो हॉस्पिटल का कांसेप्ट समाप्त अब सभी अस्पतालों में सभी मरीजों का इलाज हो सकेगा*


राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर शशांक मिश्र ने आदेश जारी कर  उज्जैन  शहर में  येलो  हॉस्पिटल के  लिए  पूर्व में जारी किए गए आदेश निरस्त  कर दिए  है।  अब उज्जैन  शहर एवं  जिले  के सभी  निजी  एवं  शासकीय  अस्पतालों में सभी तरीके के  मरीजों का इलाज किया जा सकेगा।
कलेक्टर ने आदेश जारी  किये  हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र से आया हो अस्पताल उसके इलाज के लिए इंकार नहीं कर  सकेंगे। सभी हॉस्पिटल प्रवेश द्वार पर चेकिंग करके सर्दी-खांसी के मरीजों की स्क्रीनिंग करेंगे। इसके लिए  पृथक से   मिनी  ओपीडी स्थापित की जाएगी। जांच उपरांत डॉक्टर्स यह  निर्णय  लेंगे  कि सर्दी खांसी से पीड़ित व्यक्ति कहीं  कोरोनो  वायरस  का  संदिग्ध  तो नहीं है। यदि  मरीज  संदिग्ध  अवस्था में  पाया जाता  है  तो उन्हें रेड हॉस्पिटल (माधव नगर एवं  आरडी गार्डी  हॉस्पिटल) में भेजा जाएगा। सभी निजी चिकित्सालय को इस आशय के निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वह अपने यहां आने वाले मरीजों का यथोचित उपचार करेंगे किसी भी मरीज का उपचार करने से इनकार नहीं करेंगे। यदि इस तरह की कोई शिकायत आती है तो उन पर आवश्यक सेवा संधारण एवं  विच्छिन्नता  कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने बताया है कि राज्य शासन द्वारा कोविड-19 मरीजों के उपचार के संबंध में जारी किए गए प्रोटोकॉल के नियमानुसार सभी अस्पताल  को  अपने यहां   मास्क पहनना, सेनीटाइजर का उपयोग करना तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।


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