उज्जैन के अस्पताल है की मानते ही नहीं

20 अस्पतालों में फ्लु के केवल 10 मरीजो का  उपचार हुआ  
अपर कलेक्टर ने नोटिस देकर कारण पूछा
 उज्जैन । कलेक्टर श्री  शशांक मिश्र द्वारा राज्य शासन के निर्देशानुसार उज्जैन जिले के सभी निजी चिकित्सालयों  एवम  नर्सिंग होम को  निर्देश   दिए गए थे कि वे अपने यहां फ्लू ओपीडी एवं नान फ्लू ओपीडी दोनों को ही चालू करें तथा किसी भी मरीज को उपचारित करने से मना ना करें। यदि कहीं पर किसी मरीज का परीक्षण होना नहीं पाया गया या इनकार करना पाया गया तो ऐसे हॉस्पिटल संचालकों एवं चिकित्सकों के विरुद्ध  एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी।


       इसी  तारतम्य  में  अपर कलेक्टर  विदिशा मुखर्जी ने निर्देश दिए थे कि  फ्लू एवम   एवं नान फ्लू  ओपीडी   में आने वाले मरीजों की संख्या की  अनिवार्य रूप से प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत करें ।1 मई को  निरीक्षण दल  द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के अनुसार   20  निजी चिकित्सालयो  में मात्र 10  मरीजो  का  फ्लू  ओपीडी में  परीक्षण किया गया ।अपर कलेक्टर  श्रीमती  मुखर्जी ने सभी  20 चिकित्सालयो  के संचालकों को पत्र जारी कर  कारण पूछा है कि  फ्लू  ओपीडी में केवल 10 मरीजों का ही परीक्षण क्यों किया गया। जबकि बड़ी संख्या में इस सीजन में सर्दी जुकाम के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं ।उन्होंने कहा है कि यह दर्शाता है कि हॉस्पिटल  फ्लू ओपीडी का संचालन गंभीरता से नहीं कर रहे हैं और ना ही परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने सभी हॉस्पिटल को चेतावनी दी है कि यदि फ्लू के मरीजों के  परीक्षण करने में कोताही बरती गई या इनकार किया गया तो संबंधित हॉस्पिटल के विरुद्ध एस्मा कानून के तहत एफ आई आर दर्ज की जाएगी . उल्लेखनीय की निरीक्षण दल द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में पाटीदार हॉस्पिटल ,शिंदे हॉस्पिटल ,अर्चना हॉस्पिटल, देशमुख हॉस्पिटल ,जय रानी मिशन हॉस्पिटल घोंसला, बीमा हॉस्पिटल, एसएस हॉस्पिटल ,गोयल हॉस्पिटल नर्सिंग होम उज्जैन,  तेजवानी हॉस्पिटल , सहर्ष  हॉस्पिटल ,चैरिटेबल हॉस्पिटल एवं बिरला हॉस्पिटल में  फ्लू ओपीडी में एक भी मरीज का परीक्षण नहीं किया गया जबकि सीएचएल अपोलो हॉस्पिटल में चार, भार्गव हार्ट केयर में एक, गुरु नानक हॉस्पिटल में 3  , पुष्पा मिशन  एवम जे के हॉस्पिटल में मात्र एक -एक सर्दी बुखार से पीड़ित व्यक्ति का उपचार किया गया। अपर कलेक्टर ने कहा है कि उक्त आंकड़ों से यह प्रतीत होता है कि हॉस्पिटल्स द्वारा जानबूझकर  फ्लू ओपीडी   का संचालन व्यवस्थित नहीं किया जा रहा है ।