महिला को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी कालूराम को जेल

महिला को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी कालूराम को जेल


 राजगढ/जीरापुर। न्यायालय माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जीरापुर ने थाना जीरापुर के अपराध क्रमांक 338/2020 धारा 306, 498ए भादवि में महिला से मारपीट कर प्रताड़ित करने एवं उसे आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपी कालूराम पिता रामप्रसाद सोनी निवासी जीरापुर की जमानत निरस्त कर जेल भेज दिया है।


            मामला इस प्रकार है कि दिनांक 02.07.2020 को अस्पताल जीरापुर से सूचना प्राप्त हुई कि जलने से ईलाज हेतु अस्पताल लेकर आये है। मृतिका को अस्पताल जीरापुर से जिला झालावाड़ राजस्थान रेफर किया जहां ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी जिस पर थाना कोतवाली झालावाड़ में मर्ग क्रमांक 0/20 की धारा 174 जाफौ कायम कर प्रकरण में जाच प्रारंभ की गई थी। जांच के दौरान मृतिका की मां के बयान दर्ज किये गये जिन्होने अपने बयानों में बताया कि मृतिका मोनिका ने कालूराम पिता रामप्रसाद सोनी निवासी जीरापुर से करीबन 9-10 साल पहले लव मैरिज की थी। मृतिका की मां ने अपने कथनों में यह भी बताया कि आरोपी कालूराम मेरी बेटी मृतिका मोनिका से छोटी-छोटी घरेलू बातों पर मारपीट कर प्रताड़ित करता था और मृतिका ने यह बात अपनी मां को भी बताई थी। मृतिका मोनिका ने आरोपी कालूराम द्वारा मारपीट से एवं लगातार प्रताड़ित करने से तंग आकर आग लगा ली थी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई है। पुलिस ने आरोपी कालूराम के विरूद्व अपराध क्रमांक 338/2020 की कायमी कर प्रकरण विवेचना में लिया और आरेापी कालूराम को गिरफ्तार कर लिया गया था।


     आरोपी कालूराम ने अपनी जमानत याचिका माननीय न्यायालय के समक्ष पेश की थी जिस पर एडीपीओ श्री रविंद्र पनिका ने जमानत का विरोध करते हुये तर्क किया कि आरोपी आपराधिक प्रवृति का है तथा उसके विरूद्ध पूर्व में भी अपराध पंजीबद्ध है। आरोपी शातिर बदमाश प्रवृत्ति का भी है यदि आरेापी को जमानत दी गयी तो वह अवश्य ही फरार हो जायेगा और कोई अन्य गंभीर अपराध भी कारित कर सकता है। माननीय न्यायालय ने मृतिका की मां के कथनों एवं एडीपीओ श्री रविंद्र कुमार पनिका के तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी की जमानत याचिका खारिज की है।


 


   अभियोजन अधिकारियों की हुई ऑनलाईन समीक्षा बैठक


  राजगढ। महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन म.प्र. श्री पुरूषोत्तम शर्मा भोपाल द्वारा म.प्र. अभियोजन विभाग के समस्त डी.पी.ओ. राज्य समन्वयक एवं आई.टी. को-ऑडिनेटर के कार्यो की ऑनलाईन समीक्षा बैठक ली गई।      संचालक महोदय द्वारा समीक्षा बैठक में पॉक्सो, एनडीपीएस, एससीध्एसटी, वन्य अपराध एवं महिला संबंधित प्रकरणों की समीक्षा की गई एवं सभी राज्य समन्वयकों को अपना कार्य आगे बढाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही जिला स्तर पर आ रही समस्याओं को डी.पी.ओ. महोदय से सुनकर उनके निराकरण का आश्वासन संचालक महोदय द्वारा दिया गया तथा सभी समस्याओं को तुरंत नोट कराकर त्वरित निराकरण करने हेतु निर्देश भी दिए गए। बैठक में श्री शर्मा ने अपने द्वारा आरंभ किए गए ‘’फिट एंड फास्ट प्रोसिक्यूशन अभियान’’ की सफलता पर सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए इस सफलता को और आगे ले जाने हेतु कहां गया। साथ ही उनके द्वारा आरंभ किए गए ग्रीन एंड क्लीन अभियान के संबंध में सभी डी.पी.ओं. महोदय से रिपोर्ट ली गई एवं अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु निर्देश दिए गए।


   आरोपी ने कोरोना का दिया हवाला - न्यायालय ने भेजा बंद हवालात


ब्यावरा । माननीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ब्यावरा ने अभियुक्त मोनू उर्फ अरवाज खान निवासी तुलसीनगर ब्यावरा को नाबालिग अभियोक्त्री को बहला-फुसलाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में धारा 366, 376 भादवि एवं 3/4 पाॅक्सो एक्ट में जमानत खारिज कर जेल भेज दिया है।


    मामले का विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 06.01.2020 फरियादी नारायण प्रजापति ने थाना में ब्यावरा शहर में रिपोर्ट लिखवाई कि वह और उसकी पत्नी दोनों राजगढ़ रोड ब्यावरा में भट्टे पर मजदूरी करने गये थे। पत्नि मजदूरी कर पहले घर वापस आ गई थी, जब फरियादी घर आया तो पत्नि ने बताया कि अपनी लड़की घर पर नहीं है। वह वगैर बताये कहीं चली गई है जो वापस नहीं आई। जब अभियोक्त्री को आस पास व पहचान की जगह तलाश किया व रिश्तेदारों से पूछताछ की, परन्तु कोई पता नहीं चला। फरियादी ने बताया कि उसे शक है कि मेरी नाबालिक लड़की को अभियुक्त मोनू खान निवासी तुलसी नगर ब्यावरा का बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। फरियादी की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 10/2020 की कायमी कर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना के दौरान दिनांक 08.01.2020 को अभियोक्त्री को दस्तयाब कर कथन लेख किये गये जिसमें अभियोक्त्री ने बताया कि मोनू खान उसेे उज्जैन दर्शन की कहकर गुजरात अपने किसी परिचित के घर ले गया था जहां पर उसने अभियोक्त्री के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया था। वहां से आरोपी ट्रेन में बठाकर उज्जैन ले गया था। जहां से अभियोक्त्री को ट्रेन में बैठाकर आरोपी भाग गया था। मोनू को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध किया गया था। जहां से आरोपी द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष जमानत अर्जी पेश की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुये माननीय न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर अभियुक्त मोनू को जेल भेज दिया है। इस प्रकरण में शासन की ओर से एडीपीओ श्री आलोक श्रीवास्तव उपस्थित हुए है।