जन्म दिन पर दैनिक मालव क्रांति की और से अनंत शुभ कामना के साथ
प्रख्यात गांधीवादी विचारक डॉ.एसएन सुब्बाराव के महान विचार।
बुनियाद में सभी धर्म एक है। ¨हदू, मुसलमान, ईसाई सहित सभी धर्म मानवता का संदेश देते हैं। सच्चा इंसान बनाना महत्वपूर्ण है। भारत सर्वधर्म सदभाव से सर्वधर्म ममभाव की ओर गया है।, व्यक्ति का असली धर्म सत्य बोलो, मिल कर रहो, दूसरों के साथ वही व्यवहार करो, जो खुद को अच्छा लगता हो, तभी देश की उन्नति हो सकती है। , मेरा मिशन सभी को एक करने का है। सभी लोग पहले इंसान हैं फिर किसी मजहब से हैं। एक तबका ऐसा है, जो आपकी फैलाई गंदगी को हटाता है। इस प्रथा को समाप्त करने की जरूरत है, सभी लोग ईमानदारी से अपना काम करें तो देश एकता के सूत्र में बंध जाएगा। सभी लोग कुरान, गीता और बाइबिल पढें। मजहब व जाति की दीवारों को तोड़ कर इंसान बने ।
विश्व की दो बड़ी हस्तियां कार्ल यमार्क्स व महात्मा गांधी में मतभिन्नता थी पर एक मत समान था, जिसके अंतर्गत अंतिम लक्ष्य जिम्मेदार बनने को बताया।। पद्मश्री सम्मानित एसएन सुब्बाराव जी ने एक बार कहा था कि ‘थोपा हुआ अनुशासन व्यक्ति को आदर्श नहीं बनाता, व्यक्ति की वास्तविक खुशी दूसरों को खुश देखने में होनी चाहिए।
*नियमों को न तोड़ें*
वाहन चलाने का लाइसेंस मिलने का अर्थ यह नहीं होता कि हम सड़क पर चलने के नियमों को तोडें, बल्कि इसका अर्थ होता है कि हम नियमों का पालन करें। भारत में इसका उल्टा ही हो रहा है, हम नियम और कानूनों को तोडॉकर आनन्द की अनुभूति करते हैं। ये नियम और कानून तो मनुष्य की भलाई के लिए होते हैं
हम स्वयं के अन्दर निष्ठा की भावना को विकसित कर देश और समाज की सेवा करें। एन. एस. एस. के माध्यम से हमें मानवता का संदेश देना चाहिए और मानवीय समाज बनाने में अपना योगदान देना चाहिए। अच्छे से अच्छा व्यक्ति भी बुरा हो सकता है और बुरे से बुरा व्यक्ति भी अच्छा बन सकता है। हम सबका उद्देश्य होना चाहिए कि बुरे व्यक्ति को भी अच्छा बनायें और समाज के लिए उसका सदुपयोग करें।