यह संकेत खतरनाक है,,, पॉजीटिव आने वाले 22% ग्रामीण क्षेत्र से,,,, जांच करवाने वाला हर पांचवा व्यक्ति संक्रमित निकला

 उज्जैन। कोरोना का संक्रमण अब ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है ,शुरुआत में ग्रामीण क्षेत्रों से इक्का-दुक्का कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे थे ,लेकिन गुरुवार को उज्जैन जिले में 332 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 73 मरीज ग्रामीण क्षेत्र से है, इनमें तराना के,  14 बड़नगर के,  23 नागदा के,  4 घटिया के और महिदपुर  के 26  सामने आए ,इतनी बड़ी तादाद में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों से कोरोना पॉजिटिव सामने आने से कोरोना का खतरा कई गुना बढ़ गया है। 332 मरीज में से 73 अर्थात 22% ग्रामीण क्षेत्रों से पॉजिटिव आना खतरनाक है। टोटल जांच 18 50 में से 332 पॉजिटिव अर्थात 18%  ।जिसका सीधा अर्थ यह है कि जांच करवाने वाला हर पांचवा व्यक्ति पॉजिटिव आ रहा है। गुरुवार को 241 मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया जबकि जिले में एक्टिव केस बढ़कर 3182 हो गए ।दो कोरोना मरीजों की मौत के बाद मरने वालों का आंकड़ा 148 पहुंच गया है ।इधर अस्पतालों में जगह नहीं होने से अधिकांश मरीज होम आइसोलेट होकर अपना इलाज करवा रहे हैं, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुरुवार को पॉजिटिव आने वाले 332 में से सिर्फ 16 को अस्पतालों में भर्ती किया गया इनमें से 3 को  जे के अस्पताल में ,2 को पाटीदार ,1  को सिविल ,2  को माधव नगर ,1 को  पुष्पा मिशन ,  6 को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज और 1 को प्रशांति धाम  केयर सेंटर में भर्ती किया गया।

पॉजीटिव आने वालों में चार पुलिसकर्मी शामिल है। इसके अलावा आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के युवा चिकित्सक, बसंत बिहार में रहने वाले प्रॉपर्टी ब्रोकर,  अवंतीपुरा में रहने वाली शिक्षिका , ऋषि नगर के एमपीई बी कर्मचारी , लक्ष्मी नगर में रहने वाले अधिवक्ता और  इंदिरा नगर में रहने वाले एक युवा चिकित्सक शामिल है। इधर जिला प्रशासन लगातार कंटेनमेंट क्षेत्र में जाकर पॉजिटिव मरीज और उनके परिजनों से संपर्क में है।