होम आइसोलेट थे ,,,,नहीं माने ,,,,घर से निकले,,, दो की मौत,,,, क्लॉथ मार्केट का मामला

 उज्जैन  ।होम आइसोलेशन मैं रहने वाले अनेक कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वयं स्वयं के परिवार और समाज के लिए खतरा बन कर घर से बाहर निकल रहे हैं उनकी यह करतूत कितनी जानलेवा है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण विक्रमादित्य क्लॉथ मार्केट के एक बड़े व्यापारी के परिवार में एक के बाद एक हुई दो मौत से लगाया जा सकता है बताया जाता है कि क्लॉथ मार्केट में एक बड़े व्यापारी के परिवार में एक सदस्य को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया था बावजूद वह सदस्य बाजार में घूम रहा था और उसके परिवार के लोग अपने व्यवसाय में लगे थे, प्रशासन की टीम को जब क्षेत्र के लोगों ने शिकायत की तो टीम के सामने अनेक बहाने बनाए गए और यह साबित करने की कोशिश की गई थी की कोरोना पेशेंट को कोई सिम्टम्स नहीं है और ना ही परिवार में अन्य सदस्य इनफेक्टेड है लेकिन उक्त कोरोना मरीज के साथ-साथ परिवार के एक अन्य बुजुर्ग सदस्य की भी मौत हो गई जिससे विक्रमादित्य क्लॉथ मार्केट में दहशत का वातावरण है साथ ही इस घटना से होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को यह सीख मिलती है कि वह कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं करें उल्लेखनीय है  की 6 अप्रैल को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी  श्री आशीष  सिंह के निर्देश पर शहर में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए थे। उक्त आदेश के तहत किसी घर में यदि  व्यक्ति कोरोना  पॉजिटिव पाया जाता है तो सभी घर के सदस्यों को क्वारन्टीन में रखा जाता है ।किंतु कई स्थानों पर यह पाया गया कि पॉजिटिव मरीज के परिजन घर के बाहर निकल कर अपने दुकान या अन्य काम पर चले जाते हैं। इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। इस तरह के मामलों में 15 दिन पहले नानाखेड़ा, नीलगंगा थाना  ,जीवाजीगंज एवं माधव नगर थाना क्षेत्र के तहत 1 4 व्यक्तियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाई गई थी।उक्त सभी के विरुद्ध धारा 188 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की गई थी,गीता कॉलोनी के  अशोक जैन , पंवासा  क्षेत्र की श्रीमती रेखा बाई   श्री दुर्गेश सोलंकी  एवम एक अन्य  व्यक्ति पर एफ आई आर दर्ज करवाई गई है । कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज के साथ-साथ उसके परिजनों को भी नियमानुसार क्वारंटाइन में रहकर अन्य लोगों में इन्फेक्शन फैलाने से बचना चाहिए ।