उज्जैन में ब्लैक फंगस के 30 ऑपरेशन हो चुके,,,,Amphotericine B Antifungal को लगाने में लगते हैं 6 से 8 घंटे,,,,,,,, किडनी की बीमारी वालों को खतरा ज्यादा है




उज्जैन । मध्यप्रदेश में कोरोना की रफ्तार धीमी होने लगी है लेकिन ब्लैक फंगस से 1 महीने में 1000 से ज्यादा मरीज सामने आने और 30 मरीजों की मौत के बाद मध्य प्रदेश में इस बीमारी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के मेडिकल अस्पतालों में 650सौ से अधिक मरीज भर्ती है, महामारी घोषित होने के बाद प्रदेश में इसका इलाज तो फ्री हो रहा है लेकिन मरीजों को महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही है। उज्जैन में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 38 मरीज भर्ती है इनमें से चार की हालत नाजुक है, बताया जाता है कि इन चार मरीजों को कोविड-19 भी है जिसकी वजह से दोनों इलाज एक साथ नहीं किए जा सकते। उज्जैन में भर्ती एक मरीज की किडनी भी नहीं होने के कारण उसे एंटीफंगसAmphotericine B Antifungal नहीं दिया जा सकता। ब्लैक फंगस के मरीजों की किडनी और ब्लड यूरिया टेस्ट करवाना अति आवश्यक होता है इसके अलावा दो डॉक्टरों की देखरेख में ही एंटीफंगल इंजेक्शन दिया जा सकता है। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के कॉविड 19 नोडल अधिकारी डॉक्टर सुधाकर वैद्य ने बताया कि एक इंजेक्शन को मरीज की बॉडी में इंजेक्ट करने में लगभग 6 से 8 घंटे का समय लगता है, यह इंजेक्शन 500 मिलीग्राम ग्लूकोस में मिलाकर बेहद धीमी गति से दिया जाता है, इसके बाद दूसरा इंजेक्शन देने के लिए भी पेशेंट की किडनी से लेकर अन्य जांच करवाई जाती हैं ,उनके मुताबिक अस्पताल में बेड, ऑपरेशन और डॉक्टरों का परामर्श शुल्क नहीं लिया जा रहा है। मरीज को शासन से प्राप्त इंजेक्शन अस्पताल के मेडिकल शॉप से लागत मूल्य पर ही दिए जा रहे हैं।Amphotericine B Antifungal injection उपलब्ध ना होने पर नान लाइफ ओं लाइस इंजेक्शन जिसकी कीमत लगभग 1800 हैं वह दिया जा रहा है। उज्जैन में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में अब तक 30 ऑपरेशन ब्लैक फंगस के किए जा चुके हैं डॉ वैद्य के मुताबिक मरीज को पूरी तरह ठीक होने में 1 महीने से अधिक का वक्त लग जाता है।