ताबड़तोड़ नगर निगम ने भी अनुमति निरस्त की, उपयंत्री पर गाज गिरना तय,,,,, सरकारी जमीन पर मल्टी मामले में टीएनसीपी द्वारा अनुमति निरस्त करने के बाद नगर निगम ने की कार्रवाई-लोकायुक्त शिकायत में नगर निगम के अधिकारियों पर एफआईआर की मांग

 


उज्जैन। सरकारी जमीन पर मल्टी निर्माण का मामला सामने आने के बाद नगर निगम ने भी ताबड़तोड़ अनुमति निरस्त कर दी। इस मामले में उपयंत्री पर गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है। टीएनसीपी द्वारा अनुमति निरस्त करने तथा शुक्रवार को मामला प्रकाश में आने के बाद अपनी शाख बचाने के लिए नगर निगम द्वारा भी अनुमति निरस्त कर दी गई। नगर पालिक निगम के नगर निवेश अधीक्षण यंत्री द्वारा मेसर्स पालोड़ ब्रदर्स, पार्टनर महेश पालोड़ पिता विश्वनाथ पालोड़ निवासी 92, विक्रमादित्य मार्केट के नाम जारी किये पत्र में भवन अनुज्ञा को निरस्त किये जाने की जानकारी दी।
आदेश के अनुसार ऋषिनगर पेट्रोल पंप के समीप फूड जोन के सामने ग्राम नानाखेड़ा तहसील उज्जैन के भूखंड क्रमांक 58/2 पार्ट कमलविला देवास रोड़ रकबा 2971.90 वर्गमीटर की विकास अनुज्ञा हेतु संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय के पत्र से 19.02.2020 को बहुमंजिला भवन हेतु स्थल अनुमोदन प्रदान किया गया था जिसके आधार पर नगर निगम द्वारा 1 मार्च 2021 को भवन निर्माण हेतु अनुमति दी गई थी। पालोड़ द्वारा स्वीकृति के समय अधिकारी नजूल के अनापत्ति पत्र प्रस्तुत किया था, जिस पर शिकायत प्राप्त होने पर जांच की तथा जांच में यह जमीन सरकारी पाई गई। भूखंड 58/2 रकबा 2971.90 वर्गमीटर भूमि पर कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने के संबंध में पत्र नहीं दिया गया जिसके बाद नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा पूर्व में जारी की गई विकास अनुमति को निरस्त कर दिया गया। फूडझोन के सामने स्थित भूखंड क्रमांक 58/2 रकबा 2971.90 वर्ग मीटर भूमि पर करोड़ों रूपये की शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा के मामले में लोकायुक्त में भी शिकायत की गई है जिसमें बिल्डर द्वारा शासकीय अधिकारी एवं इंजीनियरों से सांठगांठ कर अवैध मल्टी का निर्माण करने पर नगर निगम इंजीनियर मीनाक्षी शर्मा, भवन अधिकारी रामबाबू शर्मा, नगर निवेशक मनोज पाठक पर धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी भादवी एवं भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी।