उज्जैन कलेक्टर के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि,,,130 करोड़ रुपये कीमत की 3 हेक्टेयर जमीन शासकीय हुई,,,,पूर्णिमा सिंघी, प्रमोद चौबे और श्री राम हंस यह है तीन आधार स्तंभ जिनकी मेहनत और सच्चाई रंग लाई

 गणेश जिनिंग मिल की विवादग्रस्त भूमि के सम्बन्ध में


शासन के पक्ष में आया न्यायालय का फैसला



 






उज्जैन 13 अक्टूबर। गणेश जिनिंग मिल आगर रोड सर्वे नम्बर 1736 की बेशकीमती तीन हेक्टेयर जमीन जिसकी अनुमानित कीमत 130 करोड़ रुपये है, को भूमि सम्बन्धी वाद में अष्टम जिला न्यायाधीश श्री संतोष प्रसाद शुक्ल द्वारा शासन पक्ष में निर्णय देते हुए फैसला सुनाते हुए सर्वे क्रमांक 1736 की भूमि को शासकीय भूमि घोषित किया गया है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देश पर विगत कई दिनों से उज्जैन की ताकायमी कारखाना भूमियों के सम्बन्ध में अपर कलेक्टर श्री अवि प्रसाद द्वारा प्रभावी कार्यवाही करते हुए शासकीय जमीनों पर आधिपत्य लिया जा रहा है। इसी कड़ी में न्यायालय से जिला प्रशासन की कार्यवाही के पक्ष में निर्णय आया है।


उल्लेखनीय है कि वादग्रस्त भूमि कस्टम विभाग कारखाना के रूप में शासकीय अभिलेखों में दर्ज है तथा इसमें आइस फैक्टरी, गणेश जिनिंग फैक्टरी होने का भी लेख है। सर्वे नम्बर 1736 वर्ष 1950 के खसरे से आज तक शासकीय भूमि रही है तथा कस्टम कारखाने के नाम से दर्ज रही है। डिक्रीदार योगेश द्वारा उक्त भूमि में कस्टम कारखाने की प्रविष्टि त्रुटिपूर्ण बताने का प्रयास किया गया, किन्तु शासन की ओर से तहसीलदार सुश्री पूर्णिमा सिंघी, पटवारी श्री मनोज तिवारी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री रामहंस पचौरी द्वारा इस सम्बन्ध में महत्वपूर्ण दस्तावेज न्यायालय के समक्ष मजबूती से प्रस्तुत किये गये। शासन की ओर से शासकीय अभिभाषक श्री प्रमोद चौबे द्वारा पक्ष रखा गया, जिसके आधार पर अष्टम जिला न्यायाधीश द्वारा 12 अक्टूबर को शासन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उक्त भूमि को शासकीय घोषित किया गया।