दिनांक 22-11-2021 महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा ज्ञानपीठ एवं पद्मभूषण पुरस्कार प्राप्त प्रो. सत्यव्रत शास्त्री जी को श्रद्धाञ्जलि समर्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो विजय कुमार सी जी ने कहा कि शास्त्री जी का जीवन संस्कृत अध्येताओं के लिए एक प्रेरणा है। 91 वर्ष की आयु में भी शास्त्र के प्रति समर्पण उनका अनुकरणीय गुण है।
वेद एवं व्याकरण के विभागाध्यक्ष डॉ.अखिलेश द्विवेदी जी ने शास्त्री जी के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि
शास्त्री जी का जन्म लाहौर में 29 सितम्बर 1930 को हुआ। उन्होंने वेद, सहित्य, दर्शन आदि विषयों का गूढ़ अध्ययन किया। सन् 1955 में उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से शोध कार्य पूर्ण किया। अध्ययन के पश्चात शास्त्री जी 1959 संस्कृत प्राच्य कला संकाय में विभागाध्यक्ष पद को प्राप्त किए। 1983 में श्री जगन्नाथ विश्वविद्यालय में उन्होंने कुलपति के रूप के कार्य किया। उन्होंने थाईलैंड, कनाडा, बेल्जियम, जर्मनी कैसे देशों में भी संस्कृत के लिए कार्य किया। दैनंदिनी *याति मदीयं मन्दिरं* , द-रामायण: ए लेंग्वेस्टिक स्टडी, कालिदास इन मोर्डन संस्कृत लिटरेचर, थाईलैंड के ब्राह्मण आदि उनकी प्रमुख कृत्तियाँ हैं। *ज्ञानपीठ* एवम *पद्मभूषण* सहित उनको 109 पुरस्कार प्राप्त हैं।
14 नवम्बर 2021को शास्त्री जी का स्वर्गलोक गमन हुआ।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संस्कृतशिक्षणप्रशिक्षण ज्ञान विज्ञान सम्बर्धन केंद्र के निदेशक डॉ मनमोहन उपाध्याय, समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष, अध्यापक गण एवं छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ शुभम् शर्मा जी ने किया।