निगम के पूर्व सभापति कुमार विश्वास पर बोले,,,विगत सौ साल से जिन्होंने इस देश को गढ़ने में अपना जीवन होम कर दिया उनके बारे में बोलने की तुम्हारी औकात नहीं....जब तुम गंदा बोल रहे थे तुम्हारी तो गलती है ही सामने बैठे आयोजक भी मुस्कुराकर ताली ठोक रहे थे....शर्म.....

 



उजैन।धूर्त कुमार विश्वास..बायकॉट...

कुमार विश्वास...40-50 लाख रुपए लेकर हिंदुत्व प्रहरियों पर ही आघात कर रहे हो...2015 के पहले तुम्हारी रामजी पर कोई एक कविता नहीं है....हिंदुत्व का प्रभाव बढ़ा और तुमने व्यावसायिक मानसिकता अपनाकर रामजी को चुन लिया....इसके पहले तुम्हारी प्रिय पात्र प्रियसी थी....अब रामजी हो गए....उज्जैन में तुमने जो बोला वो तुम्हारा अहंकार है....विगत सौ साल से जिन्होंने इस देश को गढ़ने में अपना जीवन होम कर दिया उनके बारे में बोलने की तुम्हारी औकात नहीं....जब तुम गंदा बोल रहे थे तुम्हारी तो गलती है ही सामने बैठे आयोजक भी मुस्कुराकर ताली ठोक रहे थे....शर्म.....अब तुम्हें यहां से निकल ही जाना चाहिए...अन्यथा जो मुंह लेकर आए हो वो जाते समय उजला नहीं रह पाएगा....