- 5.5 वर्षीय एमबीबीएस पाठ्यक्रम राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से अनुमोदित पाठ्यक्रम के है अनुरूप
- पोर्ट विला में अकादमिक रूप से एकीकृत विला सेंट्रल अस्पताल में एक वर्ष की इंटर्नशिप के अलावा 4.5 वर्षों की होगी ऑन-कैंपस पढ़ाई
इंदौर: अपग्रैड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूआईएमएस), वानुअतु, वानुअतु गणराज्य के पोर्ट विला स्थित अपने परिसर में एमबीबीएस और एमडी पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए आवेदन आमंत्रित कर रहा है. पहली बार शुरू हो रहे इन दोनों पाठ्यक्रमों का पहला बैच सितंबर 2023 से शुरू होगा.
खासतौर से एमबीबीएस प्रोग्राम को भारतीय उपमहाद्वीप के 12 वीं पास छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है. 5.5 वर्षीय एमबीबीएस कार्यक्रम राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की ओर से अनुमोदित पाठ्यक्रम के अनुरूप है. जिसमें 4.5 साल की ऑन कैंपस शिक्षा के बाद एक साल की इंटर्नशिप की व्यवस्था की गई है. इंटर्नशिप विला सेंट्रल अस्पताल में कराई जायेगी. एकीकृत विला सेंट्रल अस्पताल, पोर्ट विला में स्थित लगभग 400 बिस्तरों वाला वानुअतु गणराज्य का सबसे बड़ा मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल है.
वहीं, यूआईएमएस का एमडी पाठ्यक्रम यूएस मेडिकल लाइसेंसर परीक्षा (यूएसएमएलई) पर आधारित है. एमडी पाठ्यक्रम दो साल का होगा. प्रीमेडिकल चरण के सफल समापन पर, छात्रों को आसानी से डिग्री प्रोग्राम के प्री-क्लिनिकल हिस्से में दाखिला मिल जायेगा. यूआईएमएस को स्वास्थ्य मंत्रालय और वानुअतु के शिक्षा मंत्रालय दोनों ही जगहों से मान्यता प्राप्त है.
राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) के आंकड़ों के अनुसार विदेशों में पढ़ने वाले कुल छात्रों में 20 प्रतिशत से भी कम छात्र विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा (एफएमजीई) पास कर पाते हैं. एफएमजीई एनबीई की ओर से आयोजित एक स्क्रीनिंग टेस्ट है. जिसे पास करने के बाद ही छात्रों को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) का अनिवार्य प्रमाणपत्र मिलता है. यह प्रमाण पत्र भारत में विदेशों से पढ़ाई कर भारत में प्रैक्टिस की इच्छा रखने वाले एमबीबीएस और एमडी के छात्रों के लिए अनिवार्य है.
अपग्रैड के अध्यक्ष और कॉर्पोरेट विकास और रणनीति के प्रमुख गौरव कुमार ने कहा कि भारत के बाहर उपलब्ध चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी की कमी है. फिर भी हजारों भारतीय छात्र हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर साल विदेश जाते हैं. वह भाषा संबंधी बाधाएं, असमान मौसम की स्थिति, सांस्कृतिक अंतर और सबसे महत्वपूर्ण मान्यता और शिक्षा की गुणवत्ता जैसी समस्याओं से जूझते हैं. ऐसे में माता-पिता और छात्रों के लिए सही निर्णय लेना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
गौरव ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं कि जहां देखा गया है कि कई साल और लाखों रुपये खर्च करने के बाद छात्रों को अपनी पढ़ाई और डॉक्टर बनने का सपना बीच में ही छोड़ देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अपग्रेड ने अपनी मजबूत साख के साथ चिकित्सा शिक्षा में प्रवेश किया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय शिक्षार्थियों को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाले पाठ्यक्रम में दाखिला मिल सके. यूआईएमएस को एक बहुत ही मजबूत परिणाम-उन्मुख प्रतिबद्धता के साथ बनाया गया है. हमारे स्नातक अपेक्षित लाइसेंसिंग परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम होंगे. हमारा ध्यान, पाठ्यक्रम और क्लिनिकल ज्ञान के साथ यह सुनिश्चित करने पर होगा कि हमारे शिक्षार्थी NEXT या USMLE जैसी लाइसेंसिंग परीक्षाओं में उच्चतम उत्तीर्ण प्रतिशत प्राप्त करें.
यूआईएमएस एशिया की सबसे बड़ी एकीकृत शिक्षण कौशल और कार्यबल विकास संस्था अपग्रेड के साथ मिलकर काम कर रहा है. यहां छात्रों को वर्चुअल ओटी सत्र, डिजिटल 3डी कैडर्स के साथ ही व्यापक रूप से ऑनलाइन सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी. इसके अलावा कई एकड़ में फैले परिसर में पाठ्यक्रम के शुरुआत से ही चिकित्सा शिक्षा की विशेषताओं से अवगत कराया जा जाएगा. मेडिकल स्कूल ने शिक्षण गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और भारत सहित अन्य कई देशों के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थानों और अस्पतालों से जुड़े सहायक शिक्षकों का एक शानदार पूल भी तैयार किया है. जो काफी योग्य और सक्षम हैं.
यूआईएमएस में एमबीबीएस कार्यक्रम के लिए पात्रता के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान (पीसीबी) विषयों में न्यूनतम 50% अंकों के साथ 12वीं कक्षा में पास होना आवश्यक है, साथ ही कुल मिलाकर न्यूनतम 50% अंक होना आवश्यक है. इसके अतिरिक्त, आवेदकों को 2 वर्ष से अधिक पुराने वैध स्कोरकार्ड के साथ NEET UG परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करनी होगी. बायो-साइंस में 4-वर्षीय यूजी डिग्री वाले स्नातक छात्र 4-वर्षीय एमडी कार्यक्रम के लिए सीधे आवेदन कर सकते हैं.